Bhartiya Kavyashastra

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Bhartiya Kavyashastra

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299.00 239.00

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Author: Tarak Nath Bali

Availability: 4 in stock

Pages: 208

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789387409040

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

भारतीय काव्यशास्त्र

हिन्दी आलोचना का उद्भव तो मूलतः संस्कृत काव्यशास्त्र से हुआ तथा आरम्भ में ही अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ कृत ‘रसकलश’ की रचना हुई। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने भी ‘नाटक’ नाम से नाटक की समीक्षा लिखी। धीरे-धीरे दोनों आलोचना धाराओं का विकास हुआ और पाश्चात्य आलोचना के आधार पर लिखा जाने लगा। मगर चिन्ता की बात यह है कि कई फिरंगी मानसिकता के आलोचक भारतीय काव्यशास्त्र की परम्परा को बिना जाने समझे ही पाश्चात्य समीक्षा का अनुकरण करने लगे जो उनके अज्ञान का सूचक है।

प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय समीक्षा सिद्धान्तों की संगत पाश्चात्य सिद्धान्तों से तुलना की गयी है जिससे प्रमाधित होता है कि यहाँ की समीक्षा पाश्चात्य समीक्षा से कहीं अधिक व्यापक एवं गम्भीर है। उदाहरण के लिए पश्चिम काव्यभाषा की समीक्षा तो बहुत बाद में हुई जबकि भारत में पाँचवीं शती (भामह) से भी काव्यभाषा की समीक्षा आरम्भ हुई और पाँच में से चार मत-अलंकार, रीति, ध्वनि और वक्रोक्ति काव्य की गम्भीर भाषिक समीक्षा करते हैं। आशा है कि इस पुस्तक से हिन्दी समीक्षा में एक सन्तुलित दृष्टि का विकास होगा।

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Hindi

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Publishing Year

2023

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