Bhartiya Evam Pashchatya Kavyashashtra Ki Pehchan
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Description
भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र पर यों तो ढेरों पुस्तकें हैं, किन्तु संक्षेप में और पारदर्शिता के साथ इनकी पहचान कराने वाली पुस्तकें बहुत कम हैं। यह पुस्तक एक पाठ्य पुस्तक के रूप में लिखी गयी है, जो उक्त आवश्यकता को ध्यान में रखती है। आचार्य विजयेन्द्र स्नातक ने लेखक की भारतीय काव्यशास्त्र पर लिखी पुस्तक पर अपना अभिमत देते हुए लिखा था सिद्धान्त निरूपण कठिन और दुरूह कार्य है। सिद्धान्तों में तत्वों का आख्यान निहित होता है। वही व्यक्ति सिद्धान्तों का सम्यक् प्रतिपादन कर सकता है जो उनकी सूक्ष्म एवं गूढ मीमांसा से भली-भाँति परिचित हो।
डॉ. हरिमोहन ने संकलन वृत्ति से सामग्री का चयन कर उसका विवेचन प्रस्तुत किया है। विवेचन में उनकी भाषा सरल है और भाव प्रकाशन में सक्षम है। यह अभिमत इस पुस्तक पर भी चरितार्थ होता है। इस पुस्तक में भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र की शृंखलाबद्ध रूपरेखा को प्रस्तुत करते हुए प्रमुख सम्प्रदायों एवं सिद्धान्तों का सार दिया गया है। यह विषय सामग्री भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र के जिज्ञासुओं को उनकी पहचान कराने में सहायक होगी, ऐसा माना जा सकता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
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