Chanakya

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Chanakya

Chanakya

199.00 149.00

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199.00 149.00

Author: Bhagwaticharan Verma

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788126716760

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

चाणक्य

चाणक्य सुविख्यात उपन्यासकार भगवतीचरण वर्मा की अन्तिम कथाकृति है। मगध-सम्राट महापदम नन्द और उसके पुत्रों द्वारा प्रजा पर जो अत्याचार किए जा रहे थे, राज्यसभा में आचार्य विष्णुगुप्त ने उनकी कड़ी आलोचना की; फलस्वरूप नन्द के हाथों उन्हें अपमानित होना पड़ा। विष्णुगुप्त का यही अपमान अन्ततः उस महाभियान का आरम्भ सिख हुआ, जिससे एक और तो आचार्य विष्णुगुप्त ‘चाणक्य’ के नाम से विख्यात हुए और दूसरी ओर मगध-साम्राज्य को चन्द्रगुप्त-जैसा वास्तविक उत्तराधिकारी प्राप्त हुआ।

भगवती बाबू ने इस उपन्यास में इसी ऐतिहासिक कथा की परतें उधाडी हैं। लेकिन इस क्रम में उनकी दृष्टि एक पतनोन्मुख राज्य-व्यवस्था के वेभव-विलास और उसकी उन विकृतियों का उद्घाटन करती है जो उसे मूल्य-स्तर पर खोखला बनाती हैं और काल-व्यवधान से परे आज भी उसी तरह प्रासंगिक हैं।

इस उपन्यास की प्रमुख विशेषता यह भी है कि चाणक्य यहाँ पहली बर अपनी समग्रता में चित्रित हुए हैं। उनके कठोर और अभेद्य व्यक्तित्व के भीतर भगवती बाबू ने नवनीत-खंड की भी तलाश की है। अपने महान जीवन-संघर्ष में स्वाभिमानी, संकल्पशील, दूरद्रष्टा और अप्रतिम कूटनीतिज्ञ के साथ-साथ वे एक सुहृद प्रेमी और सदगृहस्थ के रूप में भी हमारे सामने आते हैं। निश्चय ही, ‘चित्रलेखा’ और ‘युवराज चुंडा’ जैसे ऐतिहासिक उपन्यासों के क्रम में लेखक की यह कृति भी स्मरणीय है।

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Binding

Paperback

Publishing Year

2023

Pulisher

Language

Hindi

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