Hanumad Puran

-10%

Hanumad Puran

Hanumad Puran

650.00 585.00

In stock

650.00 585.00

Author: Shivnath Dubey

Availability: 10 in stock

Pages: 480

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 0000000000000

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

श्री हनुमद पुराण

श्री हनुमत् ध्यान

उद्यन्मार्तण्डकोटिप्रकटरुचियुतं चारुवीरासनस्थं

मौन्जीयज्ञोपवीतारुणरिचिर शिखाशोभितं कुण्डलांकम्‌।

भक्‍तानामिष्टठदं तं  प्रणतमुनिजनं वेदनादप्रमोदं

ध्यायेद्देवं विधेयं प्लवगकुलपतिं गोष्पदीधूतवार्द्धिम्‌॥

उदय होते हुए प्रकाशमान सूर्य जैसे तेजस्वी, मनोरम वीरासन से स्थित, मूंज की मेखला तथा यज्ञोपवीत धारण करने वाले, लाल वर्ण की सुन्दर शिखा वाले, कुण्डलों से सुशोभित, भक्तों को अभीष्ट फल देने वाले, मुनियों से वन्दित, वेदनाद से हर्षित, वानरकुल के स्वामी और समुद्र को गोपद के समान लांघ जाने वाले स्वरूप का ध्यान व्यापक या सर्वानुकूल प्रतीत होता है।

श्रीराम :

“जब तक संसार में मेरी कथा प्रचलित रहेगी तब तक तुम्हारे शरीर में प्राण भी रहेंगे और तुम्हारी कीर्ति भी अमित रहेगी।”

हनुमानजी :

‘‘स्वामी ! जब तक संसार में आपकी पावन कथा प्रचलित रहेगी तब तक आपकी आज्ञा का पालन करता हुआ मैं इस पृथ्वी पर ही रहूँगा।’’

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Hanumad Puran”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!