Jharkhand Ke Anjane Khel
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Description
झारखंड के अनजाने खेल
जिंदगी कहाँ है ? सरल सा जवाब है—आसपास। आसपास, यानी लोक जीवन में, जहाँ रस और रंग भरपूर है। इसको खोजने एवं महसूस करने के लिए बस दिल चाहिए। आधुनिक शहरी जिंदगी में जब समय कम हो, हरेक बात का लेखा-जोखा किया जाता हो, तब एक धप्पा मारने की जरूरत है। कहानियों में, भूली-बिसरी गलियों में, बच्चों के कोलाहल में, मैदान में खेलते-कूदते बच्चों के चेहरों में, पुरानी यादों में, दोस्तों में, गाँव एवं शहर की गलियों में। यह जीवन खेल है। यहाँ चप्पे-चप्पे पर खेल जारी है। खेल जीवन का, खेल अपना।
लोक खेलों की अपनी एक अलग ही दुनिया है। अलग इसलिए कि शहरी लोग अनजाने में इनसे कटते गए हैं। मीडिया और आयोजकों की दृष्टि से भी ये बचे रहे। इस तरह लोक खेलों की परंपरा सिर्फ गाँव में ही बची रह गई है। इन खेलों में प्रतिस्पर्धा के आयोजकों में परंपरा नहीं रही तो पुरस्कार कहाँ से होते ? अब तो स्थिति यहाँ तक पहुँच गई है कि बच्चे भी इसे दकियानूसी एवं पुराने खेल कहकर नकार देते हैं। ऐसे में इन खेलों का स्मरण एवं इनके प्रति लोगों की चेतना जाग्रत् करना ही इस पुस्तक का लक्ष्य है।
अनुक्रम | ||||
आत्मार्पण | 7 | |||
खेल कथा | 9 | |||
अंगुली सा गुमा गाँव | 15 | |||
1. लोक जीवन में खेलकूद | 19 | |||
2. भारत में खेल की परंपरा | 27 | |||
3. लोक गीतों में खेल | 39 | |||
4. पारंपरिक विलुप्त खेल | 44 | |||
5. प्राचीन काल के खेल | 78 | |||
6. लोक जीवन के विविध खेल | 82 | |||
7. द्वंदात्मक खेल | 84 | |||
8. सर्वश्रेष्ठ की विजय | 88 | |||
9. दो दलों का खेल | 90 | |||
10. खेलों के कुछ प्रकार | 93 | |||
11. भारत में जन्मे वैश्विक खेल | 106 | |||
12. झारखंड के विलुप्त परंपरागत खेल | 116 | |||
संदर्भ ग्रंथों एवं पत्र-पत्रिकाओं की सूची | 127 |
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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