Karmaphal Aur Punarjanm

-1%

Karmaphal Aur Punarjanm

Karmaphal Aur Punarjanm

100.00 99.00

In stock

100.00 99.00

Author: Nandlal Dashora

Availability: 5 in stock

Pages: 256

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

कर्मफल और पुनर्जन्म

संसार में सब दुःखों का क्षय करने के लिए पुरुषार्थ के अतिरिक्त कोई दूसरा मार्ग नहीं है। जो लोग यह समझते हैं कि सब कुछ भाग्य के आधीन है, वे नाश को प्राप्त होते हैं। राज्य की लक्ष्मी तभी प्राप्त होती है जब रण में दृढ होकर युद्ध करते हैं और जय होती है। केवल मुख से कहे कि ‘मेरी जय हो’ तो नहीं होती।

प्रबल पुरुषार्थ से कर्मों के अदृष्ट फल को टाला भी जा सकता है अथवा न्यून किया जा रुकता है। पुरुषार्थहीन व्यक्ति को ही अदृष्ट कर्मों का फल भोगना पड़ता है। वर्तमान के पुरुषार्य से पूर्व जन्म के संचित को सुधारा जा सकता है, सर्वथा नष्ट नहीं किया जा सकता क्योंकि पुरुषार्थ की भी एक सीमा है जो विधि के विधान का कभी उल्लंघन नहीं कर सकती।

– इसी पुस्तक से

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Publishing Year

2015

Pulisher

Pages

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Karmaphal Aur Punarjanm”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!