Ramcharit Rupayan

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Ramcharit Rupayan

Ramcharit Rupayan

3,000.00 2,700.00

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3,000.00 2,700.00

Author: Narmada Prasad Upadhyaya

Availability: 5 in stock

Pages: 308

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789357759243

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

रामचरित रूपायन

राम के इस रूप ने मोहित किया कलाकारों को, विशेषकर चितेरों को और स्वरूप ने अपने पाश में बाँधा भक्तों, दार्शनिकों और सन्तों को। इस तरह राम के रूप और स्वरूप की दो धाराएँ प्रवहमान हुईं। उनके स्वरूप की धारा अधिक वेगवान रही। वह अविरल रूप से प्रत्येक युग पथ पर प्रवाहित होती रही, सन्त और भक्त सहित समूचा जनमानस उसमें आप्लावित होता रहा, डूबता रहा। लेकिन उनका रूप ! वह गाया तो जाता रहा लेकिन रंगों और रेखाओं में उसने जो आकार लिया उस आकार की लोकप्रियता का क्षेत्रफल सीमित रहा। राम और रामदरबार की झाँकी के अंकन तक उसकी लोकप्रियता प्रायः सिमट गयी ।

मगर तथ्य यह है कि रामचरित, चितेरों ने अपने-अपने समय में पूरे आस्था भाव से चित्रित किया, फिर चाहे वह चरित मुगलकालीन रामचरित हो, या राजस्थान और पहाड़ की विभिन्न लघुचित्र शैलियों में रचे गये रामचरित के प्रसंग हों।

रामचरित से जुड़े इन प्रसंगों के रूपायन की यह अनमोल दृश्य विरासत, हमारे जनमानस के समक्ष बहुत कम आ पायी जबकि यह प्रभूत है तथा देश-विदेश के विभिन्न संग्रहालयों और व्यक्तिगत संग्रहों में बिखरी पड़ी है तथा आज भी वह उन आँखों की बाट जोह रही है जो उसे निहार सकें।

– इसी कृति से

 

܀܀܀

चन्देलों के पतन के बाद ग्वालियर के तोमर राजाओं ने बुन्देली संस्कृति पर प्रभाव डाला। इस संस्कृति में संगीत की प्रधानता थी। किन्तु बुन्देलों के काल में चित्रांकन की परम्परा विकसित हुई और अपनी उत्कृष्टता के कारण उसने अपनी महत्त्वपूर्ण पहचान बनाई, ओरछा और दतिया इस शैली के केन्द्र थे। इनमें दतिया में बुन्देली क़लम ने अपना उत्कर्ष पाया ।

विद्वानों ने चित्रांकन की इस शैली को बुन्देली क़लम का नाम दिया है। उनका यह कहना है कि बुन्देली क़लम अपने जीवन्त, उत्साही, गतिशील भाव को लाल, गेरुए, नीले, हरे, पीले, सिलेटी रंगों एवं वैविध्यपूर्ण विचारों तथा विश्वासों के साथ न केवल आकर्षक रूप से स्वयं को प्रस्तुत करती है अपितु वह बुन्देली संस्कृति के विभिन्न आयामों की व्याख्या भी करती है। इसमें व्यक्तिचित्रों के साथ-साथ विशेष रूप से रामकथा के आधार पर चित्रांकन किये गये हैं।

-इसी कृति से

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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