Sahmi Sahmi Sadi

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Sahmi Sahmi Sadi

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Author: Kamal Musaddi

Availability: 5 in stock

Pages: 119

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789390265404

Language: Hindi

Publisher: Aman Prakashan

Description

सहमी सहमी सदी

सीता जी ने साढ़े तीन माह

अशोक वाटिका अर्थात

एकांतवास करके

कोरोना से भी खतरनाक

रावण के अंत की इबारत लिखी थी

इस अंतराल में उन्हें

अपनों में सिर्फ

हनुमान जी की शक्ल दिखी थी

सीता की इस तपस्या का ही

बल था कि

आततायी रावण का अंत हो गया

रावण वध हुआ तो

पूरे देश का मौसम बसन्त हो गया

आधुनिक काल के

वीर सावरकर ने सालों साल

जिंदगी काला पानी की जेल में

अकेले कोठरी में बिताई थी

तब कहीं अंग्रजों से

मुक्ति मिल पाई थी

सोचो हम आप क्या किसी

और दुनिया से आये हैं

हम सब भी तो इसी

भारत की मिट्टी के जाए हैं

तो फिर कुछ दिनों के

लॉकडाउन से न घबराएं

धैर्य से घरों में रह कर

मिट्ठी का कर्ज चुकाएं

शत्रुबध तक बाहर न आएं

करोना-रावण फिरंगी को जला कर ही

विजय दिवस का जश्न मनाएं।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

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