Tapaswini

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Tapaswini

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Author: K. M. Munshi

Availability: 5 in stock

Pages: 248

Year: 2023

Binding: Hardbound

ISBN: 9788171785971

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

तपस्विनी

भारतीय साहित्य में कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का अप्रतिम महत्त्व है। वे केवल गुजराती भाषा के नहीं, अपितु समस्त भारतीय भाषाओं के प्रतिनिधि रचनाकारों में से एक हैं। हिन्दीभाषी समाज के लिए तो वे जैसे अपने ही रचनाकार हैं। भारतीय पौराणिक आख्यान और इतिहास उनकी रचना-भूमि है। एक ओर उन्होंने ‘भगवान परशुराम’ और ‘कृष्णावतार’ जैसे पौराणिक आख्यानों का सृजन किया, वहीं ‘जय सोमनाथ’ जैसे वृहत् ऐतिहासिक उपन्यास की रचना की।

‘तपस्विनी’ मुंशी जी की एक ऐसी अमर रचना है जिसमें 1857 से लेकर 1947 तक का कालखंड समाहित है। भारतीय स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती वर्ष में इस कृति का इसलिए भी अधिक महत्त्व है कि इसमें स्वतंत्रतापूर्व की राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ समाहित हैं। इतिहासबद्ध न होने पर भी इस कृति के ऐतिहासिक महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। स्वतंत्रतापूर्व और स्वतंत्रता-पश्चात् की स्थितियों के तुलनात्मक अध्ययन में यह कृति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मानवीय संवेदनाओं का सूक्ष्म चित्रण और भाषिक तरलता मुंशी जी के लेखन की विशिष्टता है।

इतिहास को विषयवस्तु बनाते हुए भी मुंशी जी मानवीय व्यवहार को घटनाओं से अधिक महत्त्व देकर एक तरह से समाजशास्त्रीय इतिहास की रचना करते हैं। प्रस्तुत उपन्यास भी इसी तरह का सामाजिक इतिहास रचता है। निस्सन्देह, यह कथाकृति लेखकीय दायित्व-बोध, विलक्षण प्रतिभा और कमनीय कल्पना का अपूर्व सामंजस्य प्रस्तुत करती है।

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Authors

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Hardbound

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

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