Aparokshaanubhooti

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Aparokshaanubhooti

Aparokshaanubhooti

200.00 199.00

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200.00 199.00

Author: Nandlal Dashora

Availability: 5 in stock

Pages: 149

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Randhir Prakashan

Description

श्रीमद्‌ आदि शंकराचार्य विरचित अपरोक्षानुभूति

भारतीय वेदान्त परम्परा ने ब्रह्मानुभूति को जीवन का एकमात्र सत्य स्वीकार किया है जिसकी उपलब्धि के लिए श्रीमद्‌ शंकाराचार्य ने अपरोक्षानुभूति इस ग्रन्थ की रचना कर इसे सर्वसाधारण के लिए सुलभ बना दिया। यह मार्ग विचार का मार्ग है, विचार किस प्रकार करना चाहिए, इसकी पूर्ण विधि का वर्णन इस ग्रन्थ में किया गया है।

इस पुस्तक में सर्वप्रथम विचार का स्वरूप साधन-चतुष्टय पर विचार करने के बाद निदिध्यासन के पंद्रह अंगों पर विचार करने से अपरोक्षानुभूति अवश्य होती है जिसका अन्तिम रूप समाधि है।

इस अनुभूति से सम्पूर्ण जगत्‌ ब्रह्ममय ज्ञात होने लगता है; जीव एवं ब्रह्म की एकता का ज्ञान हो जाता है तथा सभी कुछ अभेद ज्ञात होने लगता है, इसी से मनुष्य को मुक्ति लाभ मिलता है। यही इस जीव चेतना का गन्तव्य है जहाँ पहुँचकर इस जीव का पुनरागमन नहीं होता।

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

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