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Description
गंगातट
ज्ञानेन्द्रपति `गंगातट` को किसी स्थापत्यवादी सैलानी की तरह नहीं देखते। वे एक भूगोल को उसकी सामाजिक-सांस्कृतिक अंतर्वस्तु के पेचोखम के साथ देखते हैं और अगर यह भूगोल काशी-बनारस जैसा कई संस्तरों वाला नगर हो तब तो नगरीय हदों में खुद बेहद और अनहद हुआ जा सकता है।…
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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