Kavita Ke Aangan Mein

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Kavita Ke Aangan Mein

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240.00 190.00

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240.00 190.00

Author: Ashok Vajpeyi

Availability: 5 in stock

Pages: 216

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789392228728

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

कविता के आँगन में

“कविता के लिए बिना संसार, विचार, अनुभव और शब्द के स्वतन्त्रता सम्भव नहीं, जबकि इनमें से कोई भी उसकी स्वतन्त्रता के आड़े आ सकता है।” कविता का आँगन इस द्वैत से निर्मित होता है-इसे अशोक वाजपेयी का कवि-आलोचक मानस बेहतर समझता है और बरतता भी है। इसीलिए वे कविता की स्वतन्त्रता को उसके चौकन्नेपन में खोजते हैं। चौकन्ना अर्थात्‌ सजग। सजगता-किसकी-कवि की, किसके प्रति- सबकुछ के प्रति–देशकाल, समाज, खुद अपने प्रति भी।

“कविता के आँगन में’ एक सजग बौद्धिक और संवेदनशील सामाजिक का संवाद है। अशोक वाजपेयी की आलोचना की यह आठवीं पुस्तक है और इस अर्थ में विशिष्ट हो सकती है कि वह ‘इस समय और समाज में कविता की जगह खोजने-बनाने, उसे भरसक बढ़ाने की’ कोशिश का परिणाम है।

उनकी यह कोशिश कविता के पाठकों की समझ का विस्तार करेगी। साथ ही लाभकारी और प्रेरणादायी भी होगी।

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Authors

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Paperback

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Hindi

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Publishing Year

2022

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