Seedhiyon Se Utarte Hue

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Seedhiyon Se Utarte Hue

Seedhiyon Se Utarte Hue

340.00 290.00

In stock

340.00 290.00

Author: Ashok Vajpeyi

Availability: 5 in stock

Pages: 376

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789393758002

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

सीढ़ियों से उतरते हुए

हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार अशोक वाजपेयी का मुख्य साहित्यिक परिसर कविता के अलावा आलोचना से निर्मित होता है। यह यात्रा अनवरत जारी है। इसका सुफल है-‘सीढ़ियों से उतरते हुए’। अशोक वाजपेयी ने अपनी संक्षिप्त भूमिका में लिखा है-”उत्साह और आस्था के साथ कई सीढ़ियाँ चढ़ी हैं और अब ऐसा समय आया है कि शायद आगे नहीं जा सकता। सँभलकर सीढ़ियाँ उतरना शुरू कर रहा हूँ और यह पुस्तक, एक तरह से, उसका साक्ष्य है।” वे कहते हैं कि सीढ़ियाँ उतरते हुए सँभलकर वे चल रहे हैं, पर इस पुस्तक का वैविध्य और विस्तृत रेंज पाठकों को हतप्रभ करता है। अच्छे ख़ासे साहित्यिक धावकों की साँसें उखड़ सकती हैं।

इसमें साहित्य, आलोचना, संस्कृति, भाषा और कला उपखण्डों से, जो विवेचन प्रस्तुत किया है, वे विधा की, विषयानुशासन की सीमाओं में हैं। इसके बावजूद यह इस अर्थ में उसका अतिक्रमण है कि इनके माध्यम से वे समय और समाज के प्रश्नों को भी उठाते हैं। अपने तईं उनका उत्तर तलाशने की कोशिश करते हैं।

इन निबन्धों में वे साहित्य और कला की अपेक्षाकृत स्वायत्त दुनिया की वकालत करते भी दिखाई देते हैं। इसीलिए वे कह सकते हैं-”सृजन के समय के सम्बन्ध का विचार हमारी परम्परा में पहले भी होता रहा है। लेकिन उसे लगभग केन्द्रीयता मिले शायद एक सदी भी नहीं गुज़री है।’” सृजन का समय ही दूसरा समय है। बात कला के सन्दर्भ में की है, पर समय को एक अवधारणा के रूप में उन्होंने विकसित किया है-”जैसे भाषा वैसे समय भी मनुष्य का अद्वितीय आविष्कार है। प्राकृतिक समय मनुष्य को दिया हुआ है पर उसे वह ऐतिहासिक-सामाजिक समय में बदलता है। इस अर्थ में समय मनुष्य की रचना है।” इस तरह जब किसी विचार, तथ्य, सन्दर्भ को अवधारणा के रूप में विकसित किया जाता है, तो वह उस प्रसंग का अतिक्रमण कर जाता है। उसका विस्तार और प्रसार व्यापक हो जाता है। इस तरह अवधारणाओं में किसी तथ्य, विचार, सन्दर्भ को विन्यस्त कर पाना आलोचक की क्षमता का अन्यतम प्रसंग है। इस रूप में यह पुस्तक अशोक वाजपेयी के आलोचक के प्रति हमें गहरे रूप से आश्वस्त करती है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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