Naktora

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595.00 475.00

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595.00 475.00

Author: Chitra Mudgal

Availability: 4 in stock

Pages: 400

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789393232151

Language: Hindi

Publisher: Samayik Prakashan

Description

नकटौरा

मूर्धन्य कथाकार चित्रा मुद्गल का यह पांचवां उपन्यास भी कथ्य और ट्रीटमेंट के स्तर पर एक नवीन कथा–धरती का निर्माण करता है। जैसा इस उपन्यास के शीर्षक से जाहिर है, यह स्त्रियों को मिलने वाली एक रात की स्वायत्तता के प्रसंग से प्रेरित अवश्य है किन्तु कथाकार के विवेक ने इसे बारात वाली रात से निकालकर एक सुस्पष्ट वैचारिक विस्तार दिया है। यहां सम्पूर्ण पुरुष समाज तो कठघरे में खड़ा ही है, समूचा वर्तमान, सामाजिक, राजनैतिक तथा सांस्कृतिक परिदृश्य भी मौजूद है।

परिवार की एक स्त्री द्वारा गलत के विरुद्ध उठाई आवाज से प्रेरणा लेकर अपने समय की इस विशिष्ट कथाकार ने इस अद्भुत कथा प्रयोग में हिन्दी उपन्यास को एक नई दिशा प्रदान की है। ठोस प्रश्न उठाया है कि तमाम विमर्शों के बावजूद हमारा पितृसत्तात्मक समाज बदला कहां ?

उपन्यास की बनावट मूलतः आत्मकथा के करीब है, किन्तु आप पाएंगे कि कथा के रचाव में कल्पनाशीलता के साथ-साथ समसामयिक यथार्थ के प्रायः सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं से टकराने और कुछ नया रचने की भरपूर चेष्टा भी मौजूद है। चित्रा मुद्गल के अन्य उपन्यासों की तरह ‘नकटौरा’ में भी एक सामाजिक कार्यकर्ता के घर और बाहर के अंतर्विरोधों से संघर्ष की निर्भीक चेतना ही नहीं ऐसी चुनौतियां भी सामने है जो सत्य की पक्षधरता स्पष्ट करती हैं।

अच्छी बात यह है कि यहां रचनाकार अपने आस-पास रहती समानधर्मी बिरादरी से भी स्थायी-अस्थायी पात्रों के जीवन की सक्रियता के बीच उनके उद्वेलन व अंतर्द्वंद्व भी उजागर करता चलता है। यह कहना आवश्यक है कि साहित्य अकादेमी सम्मान से सम्मानित चित्रा मुद्गल का यह बेबाक उपन्यास पढ़कर आप स्तब्ध रह जाएंगे।

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Authors

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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