Phanishwer Nath Renu Aur Markswadi Alochana

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Phanishwer Nath Renu Aur Markswadi Alochana

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450.00 335.00

In stock

450.00 335.00

Author: Madhuresh

Availability: 5 in stock

Pages: 200

Year: 2023

Binding: Hardbound

ISBN: 9789392380464

Language: Hindi

Publisher: Nayeekitab Prakashan

Description

फणीश्वरनाथ रेणु और मार्क्सवादी आलोचना

रेणु की इस संघर्ष निरपेक्षता का उपयोग लोग अपने हिसाब से, अलग-अलग ढंग से, करते देखे गए हैं। लेकिन इसके मूल में, ज़ाहिर तौर पर, रेणु के कैसे भी बचाव से अधिक चिन्ता उनके अपने बचाव की होती है। अपने एक अल्प निबंध ‘रेणु के रिपोर्ताज’ में मैंने राष्ट्रीय संकट के दौर में रेणु की चिंता को व्यंग्य द्वारा उद्घाटन की प्रवृत्ति को उनकी इसी राजनीतिक समझ से जोड़कर देखा है। परसाई की तरह सफल और सार्थक व्यंग्य के लिए ज़रूरी है कि लेखक में यह विवेक हो कि किसका विरोध करके उसे किसके पक्ष में खड़ा होना है। उनके ‘एकांकी के परिदृश्य’ ‘ऋण-जल धन जल’ और ‘श्रुत-अश्रुत पूर्व’ में संकलित उनके रिपोर्ताज मनुष्य की पीड़ा और आकांक्षाओं के जीवंत एवं सजीव चित्र हैं। गहरी राजनीतिक समझ के अभाव में ऐसा लेखन असंभव है।

रेणु के प्रसंग में इस मार्क्सवादी आलोचना का सबसे उल्लेखनीय पक्ष यह है कि यही वस्तुतः रेणु के समग्र बहु आयामी और व्यवस्थित मूल्यांकन में प्रवृत्त होती है। आत्मलोचन की उसकी जनतान्त्रिक प्रकृति के कारण ही यह संभव हुआ कि यदि शुरू में रेणु के प्रति कहीं कुछ गलतियाँ हुईं तो उसी ने उन्हें सुधार और संवार कर एक संतुलित और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन की पहल की है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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