Uttarakhand Ke Aaiene Mein Hamara Samay

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Uttarakhand Ke Aaiene Mein Hamara Samay

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250.00 210.00

Author: Puran Chandra Joshi

Availability: Out of stock

Pages: 242

Year: 2003

Binding: Hardbound

ISBN: 8126707534

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

उत्तराखंड के आईने में हमारा समय

पूरनचन्द्र जोशी की इस नवीनतम रचना का नाम ही उसका असली परिचय है। इस निबन्ध-संग्रह का मूल विषय है हमारा समय और उसके चरित्र की रचना करनेवाले वे मूल प्रश्न और प्रेरणाएँ जो ‘स्थान’, ‘राष्ट्र’ और ‘विश्व’ के नये रिश्तों की तलाश से जुड़े हैं। पिछले कुछ दशकों से उत्तराखंड इस तलाश की जीवन्त प्रयोगशाला बनकर उभरा है।

इस निबन्ध-संग्रह को अनुप्राणित करनेवाले मूल प्रश्न और चिन्ताएँ स्थान-सम्बन्धित और स्थान-केन्द्रित हैं। जिन नयी व्यवस्थाओं की रचना के लिए आज वैश्विक और राष्ट्रीय स्तरों पर प्रभुत्ववान वर्ग और सत्ताएँ सक्रिय हैं उनमें ‘स्थान’ का – स्थानीय लोगों की अपनी इच्छाओं और प्राथमिकताओं, हितों और जरूरतों का, स्थानीय संसाधनों, प्रकृति और पर्यावरण, स्थानीय भाषाओं, संस्कृतियों और जीवन-शैलियों, स्थानीय भाषाओं का – क्या भविष्य है ? पिछली शताब्दी के अन्तिम दशकों से तेजी से बदलते सन्दर्भ ने स्थानीय जनों को अपने हितों और प्राथमिकताओं के लिए असाधारण रूप से सजग, सक्रिय और आग्रही बनाया है। स्थान की गम्भीर चिन्ता और चेतना से ही उपजे थे उत्तराखंड के चिपको आन्दोलन, बड़े बाँध प्रतिरोधी अभियान, ‘मैती’ आन्दोलन, जल स्रोत संरक्षण आन्दोलन, स्वायत्त राज्य-व्यवस्था आन्दोलन, आदि जिनके द्वारा उत्तराखंड के स्थानीय जनों ने स्थान के संरक्षण और संवर्द्धन और स्थानीय हितों की सुरक्षा के लक्ष्य को विश्व और राष्ट्रीय स्तर पर बुनियादी मानव अधिकारों की सूची में शामिल करवाने की पहल की है।

सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक विकास-प्रक्रिया में ‘स्थान’ और ‘क्षेत्र’ के महत्त्व का अहसास इन निबन्धों की मूल प्रेरणा है। यह संग्रह एक माने में परिवर्तन और विकास के नये दर्शन और कार्यक्रम की खोज से प्रेरित एक समाज विज्ञानी के रूप में पूरनचन्द्र जोशी की लम्बी वैचारिक और अन्वेषण यात्रा की चरम उपलब्धि है और साथ ही एक नयी यात्रा का प्रारम्भ भी।

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Hardbound

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Publishing Year

2003

Pulisher

Language

Hindi

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