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Description
कटिहार से कैनेडी
‘‘कटिहार से कैनेडी तक’’—यह वाक्यांश एक भौतिक और भव्य यात्रा की ओर संकेत करता प्रतीत होता है, किन्तु वस्तुतः यह पुस्तक जीवन के उन सभी पाठों के बारे में लिखी गयी है जिन्हें मैंने जीवन की असफलताओं और सफलताओं के दरमियान सीखा। वे पाठ जिन्हें मैंने निष्ठुर सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं से साक्षात्कारों और अन्तर्विरोधों का अनुभव करने के क्रम में सीखा है। ये साक्षात्कार और अनुभव मुझे विभिन्न शहरों, संस्थानों और आजीविका की भिन्नता के परिणामस्वरूप हासिल हुए हैं।
यह किताब मेरे अपने अहं और गर्व के ईमानदार टकराव को भी दर्शाती है।
-संजय कुमार
Additional information
| Authors | |
|---|---|
| Binding | Paperback |
| ISBN | |
| Pages | |
| Publishing Year | 2020 |
| Pulisher | |
| Language | Hindi |











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